SHG - स्वयं सहायता समूह


क्या है स्वयं सहायता समूह 

हमारे समूह की यह पहचान , ताकत , पैसा और सम्मान

स्वयं सहायता समूह जैसा की इसके नाम से ही लग रहा है एक ऐसा समूह जो सदेव स्वयं  की मदद करने के लिए तैयार रहता है ! स्वयं सहायता समूह  समान स्तर के लोगो द्वारा अपनी इच्छा शक्तिनुसार  गठित किया गया एक ऐसा समूह है जिसमे समूह के सभी सदस्य अपनी आय के कुछ भाग की बचत करते है ! इस बचत के आधार पर समूह के सदस्य आकस्मिक समय में आवश्यकता पड़ने पर ऋण ले सकते है ! 

समूह गठन का उद्देश्य / आवश्यकता 

  • समूह को बैंक से ऋण मिलने में आसानी होती है |
  • सरकारी विभागों से ग्रामीण विकास सम्बन्धी जानकारी शीघ्र प्राप्त हो जाती है |
  • ग्रामीण लोगो में बचत की आदत डालना | 
  • सामूहिक आय वृधि कार्यक्रम चलाना | 
  • संगठन के माध्यम से लोगो के सामाजिक , आर्थिक स्थिति में बदलाव लाना | 

समूह का प्रकार 

स्वयं सहायता समूह तीन प्रकार से गठित किये जा सकते है 1. महिला स्वयं सहायता समूह   2. पुरुष स्वयं सहायता समूह  3. मिश्रित (महिला + पुरुष दोनों सामिल ) स्वयं सहायता समूह , परन्तु महिलाओ के आर्थिक एवं सामाजिक विकास करने के   उद्देश्य से उन्हें विशेष रूप से समूह बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है | 

समूह का गठन 

समूह निर्माण एक प्रक्रिया है , इसमे प्राथमिक चरण में किसी एक बाहरी व्यक्ति द्वारा शुरुवात की जाती है अथवा जिन लोगो के बीच समूह का गठन किया जाना है उनके बीच से भी व्यक्ति समूह का गठन कर सकता है|

समूह की बैठक 

समूह की महीने में कम से कम २ बैठक प्रारम्भ के ६ माह तक होना चाहिए | तथा बैठकों की तारीख , स्थान व् समय पूर्व में तय होना चाहिए एवं नियमावली में भी लिख देना चाहिए | 

समूह में मासिक बचत का महत्व 

पैसा जीवन की आवश्यकता है | इसलिए गरीब व्यक्ति द्वारा बचत की आदत का विकास करना सबसे महत्वपूर्ण है और इसके लिए उसे आय के साधन जुटाने या बढाने की आवश्यकता होगी | सहज एवं सरल रूप से ऋण उपलब्ध कराकर निश्चित रूप से उनकी आर्थिक व्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है | परन्तु किसी भी प्रकार का ऋण वितरित करने से पहले सदस्यों में बचत की आदत का विकास करना अति आवश्यक है | इसलिए समूह के माध्यम से पैसा जमा करना आवश्यक समझा जाता है | बचत का निर्धारण सभी सदस्यो की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखकर सदस्यगण आपसी सहमति से करते है | 

बैंक में खाता खोलने की आवश्यकता क्यों 

  • समूह द्वारा जमा की गई धनराशि का सही प्रबंधन एवं सुरक्षा आसानी से हो जाती है |
  • बैंक में जमा राशि  पर ब्याज मिलता है , जिसे सदस्यों में लाभांश के रूप में बाटा जा सकता है |
  • बैंक से स्थाई एवं लाभप्रद संबंध विकसित करने का अवसर मिलता है | 
  • सदस्य भविष्य के लिए अच्छी योजना तेयार कर सकते है | 

बैंक में समूह का खाता कैसे खुलवाये 

बैंक में खाता खुलवाने के लिए निम्न कागजात / दस्तावेज लाना जरुरी है- 
  • समूह की नियमावली जिसमे ऋण लेन देन बैठक तथा सदस्यता आदि का विवरण हो | 
  • खाता खोलने के लिए न्यूनतम बचत राशि | 
  • खाता संचालनकर्ता के फोटोग्राफ की 3-3 प्रति |
  • समूह का प्रस्ताव पत्र जिसमे प्रबंध समिति के सदस्यों को बचत खाता खोलने व् खाता संचालन का अधिकारी है | 
  • संबधित बैंक का खाताधारी का खाता नंबर व् हस्ताक्षर परिचयकर्ता के रूप में | 
  • खाता खोलने में समूह की सील | 

पदाधिकारियों का चुनाव एवं जिम्मेदारियों का बंटवारा करना - 

अध्यक्ष : सर्वानुमति से चुने गए व्यक्ति को बनाना चाहिए , समझदार हो , नेतृत्व क्षमता हो | अध्यक्ष बैठकों की अध्यक्षता करता है व समूह में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करता है | 

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